नया साल सामने है और नए साल से ढेर सारी उम्मीदें भी। साल 2017 भारी उठापटक वाला रहा खास करके सोने के लिए, जहां डर था कि सोना गिर सकता है। लेकिन फाइनली ये बढ़त बनाने में कामयाब रहा। खास तौर से ग्लोबल मार्केट में इसका पिछले 5 साल में शानदार परफॉर्मेंस रहा। लेकिन रुपये की मजबूती घरेलू बाजार में सोने की कीमतों पर भारी पड़ा है। यही हाल चांदी का भी रहा। घरेलू बाजार में सोने में मुश्किल से 2.5 फीसदी की बढ़त दिखी। लेकिन चांदी बिल्कुल सपाट रही। अब रुपया तनकर खड़ा है, आगे भी मजबूती का अनुमान है। ऐसे में कैसा रहेगा नया साल जानेंगे आज।
2017 में सोने की चाल की बात करें तो इस साल इसने ग्लोबल मार्केट में 12 फीसदी जबकि घरेलू बाजार में 2.5 फीसदी रिटर्न दिया है। वहीं चांदी ने 2017 में ग्लोबल मार्केट में 6 फीसदी जबकि घरेलू बाजार में 2 फीसदी रिटर्न दिया है।
2018 में सोने की चाल पर बात करें तो इसके भाव पिछले 1 महीने के ऊपरी स्तर पर हैं। अमेरिका में ब्याज दरें घटने के बाद सोने का भाव बढ़ा है। मजबूत रुपये से घरेलू बाजार में भाव कम बढ़ा है। रुपये में इस साल करीब 6 फीसदी की मजबूती आई है। डॉलर में गिरावट से ग्लोबल मार्केट में सपोर्ट मिल रहा है। डॉलर इंडेक्स इस साल करीब 9 फीसदी गिरा है। अगले साल यूएस में 3 बार ब्याज दरें बढ़ने की उम्मीद है।
कॉमर्ज बैंक का मानना है कि 2018 में सोने में तेजी संभव है और इसका औसत भाव 1325 डॉलर प्रति औंस के आसपास रहेगा। जबकि जेपी मॉर्गन की राय है कि 2018 में सोने में ज्यादा तेजी नहीं होगी और इसका औसत भाव 1295 डॉलर के आसपास संभव है।
कमोडिटी के जानकारों को 2018 में चांदी पर भरोसा ज्यादा है। उनका मानना है कि कमजोर डॉलर से चांदी को ग्लोबल मार्केट में सपोर्ट है। इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ने की भी उम्मीद है। बेस मेटल में तेजी से चांदी के सपोर्ट मिलेगा। ग्लोबल मार्केट में इसके 18 डॉलर के पार जाने का अनुमान है। इसकी निवेश मांग करीब 20 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है।
सोना-चांदी पर रुपये का असर की बात करें तो रुपया 3 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है। इस साल रुपए में करीब 6 फीसदी की मजबूती आई है। 7 साल में पहली बार रुपया बढ़त बनाने में कामयाब रहा है। 2010 के बाद रुपये में पहली बार सालाना बढ़त देखने को मिली है। 2007 के बाद रुपये में सबसे बड़ी सालाना बढ़त देखने को मिली है। डॉलर इंडेक्स इस साल 9 फीसदी से ज्यादा गिरा है। 2003 के बाद डॉलर में सबसे बड़ी गिरावट आई है।
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